नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में विकसित हो रहा है, में सोमवार (9 दिसंबर) को पहली फ्लाइट की सफल लैंडिंग कराई गई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक घटना की सराहना करते हुए कहा कि इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यात्रियों के लिए यात्रा करना और भी आसान हो जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह एयरपोर्ट अपने क्षेत्रफल और रनवे की संख्या के मामले में देश के बाकी सभी एयरपोर्ट्स को पीछे छोड़ देगा। अप्रैल में एयरपोर्ट के पहले रनवे के साथ इसकी शुरुआत होगी, और जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, रनवे की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
पीएम मोदी ने कनेक्टिविटी बढ़ाने की बात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने के. राममोहन नायडू के पोस्ट को शेयर करते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “निर्माणाधीन नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उत्तर प्रदेश और एनसीआर के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी और जीवनयापन आसान होगा। हमारी सरकार उच्चतम गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे को मुहैया कराने और समृद्धि बढ़ाने के लिए कनेक्टिविटी की शक्ति का इस्तेमाल करने के लिए कई कदम उठा रही है।”
इंडिगो का विमान रहा पहला लैंड
सोमवार दोपहर करीब 1:30 बजे नोएडा हवाई अड्डे पर इंडिगो एयरलाइंस का विमान सफलतापूर्वक लैंड किया। इसके पांच मिनट बाद विमान ने टेकऑफ भी किया। इस ऐतिहासिक घटना के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू भी मौजूद थे, जिन्होंने इस उपलब्धि को “अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास में एक बड़ा मील का पत्थर” बताया। उन्होंने कहा कि यह एयरपोर्ट क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में क्रांति लाएगा और देश के विमानन क्षेत्र के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
चार फेज में पूरा होगा एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जा रहा है, और पहले चरण का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। पूरे एयरपोर्ट का निर्माण 6,500 हेक्टेयर में चार फेज में किया जाएगा। इस एयरपोर्ट का निर्माण स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल द्वारा किया जा रहा है, और यह कंपनी अगले 40 सालों तक इसका संचालन करेगी। पहले चरण की सालाना क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी।
इस एयरपोर्ट की स्थापना से ना केवल उत्तर प्रदेश और एनसीआर क्षेत्र के लिए परिवहन की सुविधा में वृद्धि होगी, बल्कि यह भारत के विमानन क्षेत्र को भी एक नई दिशा देगा।